नई दिल्ली :
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया से कई स्तर पर सरकारें चुनी जाती हैं. अपने नीति निर्माता व सत्ता संचालक का चुनाव करने के लिए भारत में चुनावों का आयोजन त्योहार की तरह होता है और इस त्योहार का सबसे आकर्षक व महत्वपूर्ण पक्ष प्रचार अभियान होता है. चुनाव प्रचार अभियान के मामले में भी भारत विश्व में अनूठा है. करीब आठ दशक के चुनावी इतिहास में इस देश ने प्रचार अभियान के विविध रूप व आयाम देखें हैं. भारत में चुनाव प्रचार अभियान भी प्रवाहमान धारा की तरह अपने तट व दृश्य बदलते रहे हैं, क्योंकि समय-समय पर प्रचार के माध्यमों और मुद्दों में भी बदलाव आया है. खासकर संचार क्रांति के बाद बदलते संचार माध्यमों के समानुपात में प्रचार अभियान भी अपने आयाम बदलते रहे हैं. देश में प्रचार अभियान की यात्रा पंचायतों, सभाओं और जुलूस से शुरू होकर अखबार, परचा-पेपर, से होती हुई आज सबसे उन्नत संचार माध्यमों डिजिटल व सोशल मीडिया के दौर में पहुंच चुकी है. कभी देश में सरकार के नियंत्रण वाला एक टीवी चैनल व रेडियो चैनल था, जिसका चुनावी उपयोग कम ही होता था. लेकिन आज के टीवी चैनलों का चुनाव में वृहत स्तर पर हस्तक्षेप बढ़ा है.
https://khabar.ndtv.com/news/literature/book-review-when-india-votes-the-dynamics-of-successful-election-campaigning-2046207
Comments